Song – Om Jai jagdish Hare
Singer – Hari Haran
Om jai jagdish Hare Sargam notes in Hindi
Instructions –
- “.” is used for mandra saptak swars eg-(.प , .ध )
- “_” under score is used for komal swars.eg – ( रे , ग ध , नि )
- म(t) here “(t)” is used for showing teevra swar म(t) .
- “-” is used for stretching the swars according to the song.
- Swars written “रेग” in this manner means they are playing fast or two swars on one beat.
- (रे)सा here “रे” is kan swar or sparsh swar and “सा” is mool swar.
How to play Om jai jagdish Hare sargam notes on keyboard & Harmonium ,Flute.
Original scale – F#
Sthai-
ॐ / जय / जगदी / श हरे,
सा – / सा – / सा सा सा – / .नि सा रे – / – – – – /
स्वामी / जय जग / दीश / हरे
रे ग / म – प प / ध प म / ग म ग रे – / – –
भक्त / जनों / के / संकट
रे ग रे / ग म – / म ग / रेग रेसा – / – – / ……..(2)
दास जनों के संकट ………………….same as above lines
क्षण में / दूर / करे
.नि सा रे – / ग रे सा / .नि सा .नि .ध – / – – – – /
ॐ / जय / जगदी / श हरे
रे – रे – / रे रे ग रे / सा .नि सा – / – – – – /
Antara – 1
जो / ध्या / वे / फल / पावे
रे सा / सा .नि / रे सा / सा .नि / रे सा सा – / – – – – /
दुःखबिन / से / मन का
प ध प म / ग – / रे सा / रे – – – / – – – – /
स्वामी / दुःखबिन / से / मन का
प प / प ध प म / ग – / रे सा / रे – – – / – – – – /
सुख / सम्पति / घर / आवे
रे ग / रे ग म – / म ग / रे गरे सा – / – – – – /
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट / मिटे / तन / का
.नि सा रे / रे ग रे / सा .नि / सा .नि .ध – / – – – – /
ॐ / जय / जगदीश / हरे
रे – / रे – / रे रे ग रे / सा .नि सा – / – – – – /
Antara – 2
मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी
तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा
आस करूं मैं जिसकी
ॐ जय जगदीश हरे
Antara – 3
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी
स्वामी तुम अन्तर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सब के स्वामी
ॐ जय जगदीश हरे …
Antara – 4
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता
स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख फलकामी, मैं सेवक तुम स्वामी
कृपा करो भर्ता
ॐ जय जगदीश हर
Antara – 5
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति
स्वामी सबके प्राणपति
किस विधि मिलूं दयामय
किस विधि मिलूं दयामय
तुमको मैं कुमति
ॐ जय जगदीश हरे
Antara – 6
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता, ठाकुर तुम मेरे
स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ, अपने शरण लगाओ
द्वार पड़ा तेरे
ॐ जय जगदीश हरे
Antara – 7
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
स्वमी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
सन्तन की सेवा
ॐ जय जगदीश हरे