Woh Kagaz Ki Kashti Sargam Notes In Hindi
Song Name – Woh Kaghaz Ki Kashti
Singer – Jagjit Singh & Chitra Singh
Lyrics – Sudarshan Faakir
Music Composer – Jagjit Singh
Year – 2004
Woh Kagaz Ki Kashti Sargam Notes In Hindi
How To Read Sargam Notes –
- “.” is used for mandra saptak swars eg-(.प , .ध )
- “*” is used for Taar saptak swar
- “(k)” is used for komal swars.eg – ( रे(k) , ग(k) , ध(k) , नि(k) )
- म(t) here “(t)” is used for showing teevra swar म(t) .
- “-” is used for stretching the swars according to the song.
- Swars written “रेग” in this manner means they are playing fast or two swars on one beat.
- (रे)सा here “रे” is kan swar or sparsh swar and “सा” is mool swar.
- [ नि – प ] here this braket [ ] is used for showing Meend from “नि” swar to “प” .
- { निसां रेंसां नि } here this braket {} is used for showing Khatka in which swars are playing fast .
- Click Here For Sargam Sheet From Diff Scales
Music Details –
Original scale – E
Vikrit swar – रे(k) , ग(k) , ध(k) , नि(k)
Video-
Woh Kagaz Ki Kashti Sargam Notes In Hindi
Hindi Lyrics-
स्थाई –
ये दौलत / भी ले लो,/
.नि(k).नि(k)– सा – – / सा सा – सा – /
ये शोहरत / भी ले लो
सा सा – रे(k) ग(k) – / सा सा – रे(k) सा नि(k) –
भले छीन लो / मुझसे मेरी / जवानी
.नि(k) .नि(k) – सा – – सा सा / सा – सा सा रे(k) ग(k) – – / सा सा – सा –
मगर मुझको / लौटा दो / बचपन का / सावन
रे(k) म – म – – ग / प म म – – ग / प म म – – / ग प म म –
वो कागज़ / की कश्ती / वो बारिश /का पानी
म म प म – – / ग रे सा ग – / ग ग रे ग – / सा सा – रे(k) सा .नि(k) –
अंतरा – 1
मोहल्ले / की सबसे / निशानी / पुरानी
ग ग – रे(k) सा – / सा सा – सा – / रे(k) ग – रे(k) सा – / सा सा – सा –
वो बुढिया / जिसे / बच्चे / कहते / नानी
ग ग – रे(k) सा – / सा सा – / सा – रे(k) – / ग ग रे(k) सा – / सा सा – सा –
वो नानी / की बातो / मैं परियों / का डेरा
म प – प – / प प – प – / प प – ध(k) प म / म म – म –
वो चेहरे के झुरियों में सदियों का फेरा…उपरोक्त पंक्ति के समान
भुलाए / नहीं / भूल / सकता / है कोई
म ध(k) – ध(k) – / प ध(k) – / ध(k) – / ध(k) प प नि(k) – / ध(k) प म म –
वो छोटी / देखें रातें / वो लंबी / कहानी
म म प म – – / ग रे सा ग – / ग ग रे ग – / सा सा – रे(k) सा नि(k) –
अंतरा – 2
कड़ी धूप में अपने घर से निकलना
वो चिड़िया वो बुलबुल वो ठिठली पकड़ना
वो गुड़िया की शादी पर झगड़ा करना
वो झूलों से गिरना, वो गिर के संभलना
वो पिथल के चलों के प्यारे से
वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी
अंतरा -3
कभी रेत के ऊँचे तिलों पे जाना
घरौंदे केला, बनाके मिटाना
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख्वाबों खिलोनो की ताबिर जागिर अपनी
ना दुनिया का गम था ना रिश्तों का बंधन
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले चीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी..
English Lyrics-
Sthai –
Ye daulat / bhi le lo, /
.नि(k).नि(k)– सा – – / सा सा – सा – /
ye shohrat / bhi le lo
सा सा – रे(k) ग(k) – / सा सा – रे(k) सा नि(k) –
bhale cheen lo / mujhse meri / jawaani
.नि(k) .नि(k) – सा – – सा सा / सा – सा सा रे(k) ग(k) – – / सा सा – सा –
magar mujhko / lauta do / bachchpan ka / saawan
रे(k) म – म – – ग / प म म – – ग / प म म – – / ग प म म –
wo kaagaz / ki kasthi / wo baarish / ka paani
म म प म – – / ग रे सा ग – / ग ग रे ग – / सा सा – रे(k) सा .नि(k) –
Stanza-1
Mohalle / ki sabse / nishaani / purani
ग ग – रे(k) सा – / सा सा – सा – / रे(k) ग – रे(k) सा – / सा सा – सा –
wo budhiya / jise / bachche / kehte / the naani
ग ग – रे(k) सा – / सा सा – / सा – रे(k) – / ग ग रे(k) सा – / सा सा – सा –
wo naani / kee baaton / mein pariyon / ka dera
म प – प – / प प – प – / प प – ध(k) प म / म म – म –
wo chehre ke jhuriyon mein sadiyon ka phera …same as above line
bhulaaye / nahin / bhool / saqta / hai koi
म ध(k) – ध(k) – / प ध(k) – / ध(k) – / ध(k) प प नि(k) – / ध(k) प म म –
wo choti / see raaten / wo lambi / kahaani
म म प म – – / ग रे सा ग – / ग ग रे ग – / सा सा – रे(k) सा नि(k) –
Stanza – 2
Kadi dhoop mein apne ghar se nikalna
wo chidiya wo bulbul wo thithli pakadna
wo gudiya ki shaadi pe ladna jhagadna
wo jhoolon se girna, wo gir ke sambhalna
wo pithal ke challon ke pyaare se tho’fe
wo tuti hui chudiyon ki nishaani
Stanza -3
Kabhi re’t ke oonche tilon pe jaana
gharonde banana, banaake mitaana
wo maasoom chaahat ki tasveer apni
wo khwabon khilono ki taabir jaageer apni
na duniya ka gham tha na rishton ke bandhan
badi khoobsoorat thi wo zindgaani
Ye daulat bhi le lo, ye shohrat bhi le lo
bhale cheen lo mujhse meri jawaani
magar mujhko lauta do bachchpan ka saawan
wo kaagaz ki kasthi wo baarish ka paani..
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